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हिंदी में दिए अपने भाषण में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है और कहा है कि जिनके घर शीशे के हों उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए.
विदेश मंत्री ने अपने भाषण में बलूचिस्तान का भी मुद्दा उठाते हुए कहा, ”21 तारीख को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है. मैं बस यही कहूंगी कि जिनके घर शीशे के हों वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते. आप देखिए बलूचिस्तान में क्या हो रहा है.”
आतंकवाद का मुद्दा उठाते उन्होंने कहा , ”सभी को ये स्वीकार करना होगा कि आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन है. क्योंकि वो निर्दोष लोगों को निशाना बनाता है. बेगुनाहों को मारता है. वो किसी देश का नहीं मानवता का दुश्मन है.”
आगे उन्होंने कहा, ”हमारे प्रधानमंत्री ने शपथ ग्रहण में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाया. हमारे प्रधानमंत्री काबुल से जाते समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मिलने गए. मैं पाकिस्तान गई. क्या कोई शर्त थी. कोई शर्त नहीं थी. मित्रता की बात थी. बदले में भारत को पठानकोट मिला, उड़ी मिला. बहादुर अली जैसा आतंकवादी मिला जो ज़िंदा है और सबूत है कि वो पाकिस्तान का नागरिक है.”
विदेश मंत्री ने इस बात पर ज्यादा ज़ोर दिया कि पाकिस्तान अगर ये समझता है कि वो अपनी बयानबाजियों से भारत के किसी हिस्से को अलग कर लेगा तो मैं कहना चाहूंगी कि, ”जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.” उनका कहना था, ”आतंकवादियों को पनाह कौन देता है. उन्हें धन कौन देता है. हथियार और संरक्षण कौन देता है. ये सवाल हैं.”
हिंदी में पाकिस्तान को अपना कडा सन्देश देते हुए कहा कि, ”इतिहास गवाह है कि जिस किसी ने भी हिंसा के बीज बोए हैं उसे उसका कड़वा फल खाने को मिला है. जो छोटे छोटे आतंकी समूह काम कर रहे थे अब वो एक बड़ा समूह बन गया है जिसके अनगनित हाथ पांव मुंह हैं. हमें अपने मतभेद भुलाकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा. हमें पुराने समीकरण तोड़ने होंगे और दृढ़ निश्चय के साथ आतंकवाद का सामना करने की रणनीति बनानी होगी.”
विदेश मंत्री के भाषण का असर ट्विटर पर भी स्पष्ट नजर आया. #UNGA #DarrKarNahiDattKar #सुषमास्वराज #विदेशमंत्रीसुषमास्वराज जैसे हैश टैग लोगों ने ट्रेंड कराये.
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